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Haldwani:-ग्राफिक एरा के ‘संवाद 1.0’ में शिक्षाविदों का मंथन — एआई युग की शिक्षा को मानवीय मूल्यों से जोड़ने की अपील

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हल्द्वानी – शिक्षा जगत में नवाचार और संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने ‘संवाद 1.0 – प्रिंसिपल्स कॉन्फ्रेंस’ का सफल आयोजन किया। हल्द्वानी के आईटीसी फॉर्च्यून होटल में हुए इस सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े करीब 80 प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य और शिक्षाविद एक ही मंच पर जुटे।

शिक्षा में नई दिशा और सोच पर मंथन

कॉन्फ्रेंस में हल्द्वानी क्षेत्र के लगभग 40 प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य था — शिक्षा के बदलते स्वरूप, छात्रों की नई पीढ़ी की जरूरतों और शिक्षकों की भूमिका पर सार्थक विचार-विमर्श।

एआई और प्रैक्टिकल लर्निंग पर ज़ोर

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. ज्योति छाबड़ा, हेड – फैशन डिज़ाइन एवं कोऑर्डिनेटर, रिसर्च एंड इनोवेशन सेल फॉर एंटरप्रेन्योरशिप, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, ने अपने विचार साझा करते हुए संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) कमल घनशाला की प्रेरणादायक यात्रा का उल्लेख किया।

उन्होंने छात्रों को इंटर्नशिप और लैब-आधारित अनुभवों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज हर उद्योग का स्वरूप बदल रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को इस परिवर्तन के साथ कदम मिलाना जरूरी है।

वेलनेस और आध्यात्मिकता से जुड़ा संदेश

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की डॉ. हेमानी सेमवाल, लीड इंडस्ट्री कनेक्ट एवं एलुमनी रिलेशंस, ने शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए वर्कप्लेस स्पिरिचुअलिटी और वेलनेस के बढ़ते महत्व पर बात की। उन्होंने कहा कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन शिक्षा की गुणवत्ता से सीधे जुड़ा हुआ है।

शिक्षाविदों के साझा विचारों से सजा ‘संवाद 1.0’

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने कई अहम विषयों पर विचार रखे —

छात्रों का समग्र कल्याण (Student Wellness)

अनुपस्थिति को कम करने के उपाय

भावातीत ध्यान (Transcendental Meditation) की भूमिका

अभिभावक-छात्र संवाद को मजबूत करना

व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देना

कॉन्फ्रेंस का संचालन श्री प्रकाश बोरा, सहायक प्रोफेसर (PDP विभाग) ने किया।

‘संवाद 1.0’ ने शिक्षा जगत में एक नई ऊर्जा का संचार किया, जहां शिक्षाविदों ने मिलकर एक करुणामयी, व्यावहारिक और भविष्य उन्मुख शिक्षा प्रणाली की दिशा में नए विचार साझा किए।

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