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Rudrapur:- पहाड़गंज में अवैध रूप से कब्जा कर बनाएं गए मकानों पर चला बुलडोजर

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रुद्रपुर – पिछले दो दिनों से जिला प्रशासन ने रुद्रपुर में बुलडोजर की गर्जना को गति दी है, जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में पहले प्रीत विहार के फाजलपुर महरौला में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अवैध रूप से कब्जा कर बनाएं गए मकानों और निर्माण को ध्वस्त कर दिया, उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने शहर के पहाड़गंज का रुख अख्तियार किया जहां प्रशासन का पीला पंजा ने जमकर कहर बरपाया ओर चिह्नित किए गए अवैध से सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाएं गए मकानों को तहस-नहस कर दिया, इस दौरान किच्छा के एसडीएम कौस्तुभ मिश्र,उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे, प्रशासन भारी पुलिस फोर्स के साथ पहाड़गंज पहुंचा और चिन्हित किए गए सरकारी जमीन पर बने अवैध रूप से बने मकानों को जमींदोज कर दिया, इस दौरान पहाड़ गंज की रहने वाली एक महिला रोते बिलखते हुए प्रशासन के बुलडोजर के सामने आ गई और उसने बुलडोजर की कार्रवाई को रोकने का प्रयास किया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे ढांढस बंधाते हुए हटा दिया, जिसके बाद बुलडोजर ने फिर एक बार अपना कहर बरपाया, इस दौरान नगर निगम रुद्रपुर के उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी ने बताया कि प्रशासन ने करीब नौ अवैध मकानों जिन्हें सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाएं गया था उन्हें ध्वस्त कर दिया है, उन्होंने बताया कि इन मकानों को बिना नक्शा पास कराए बनाया गया और कब्जाधारियों के जमीन से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं थे, और इन लोगों को नोटिस जारी भी किया गया था, जिसके बाद प्रशासन ने आगे की कार्रवाई को शुरू करते हुए अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया, लेकिन भले ही प्रशासन ने इन अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवा दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह शख्स कौन है जो सरकारी जमीनों को अपनी निजी प्रोपर्टी समझकर सरकारी जमीन को भोले भाले लोगों को बेच रहा है, आखिर इस के पीछे कौन भू माफिया है जिसने स्थानीय लोगों को जाल में फंसाकर मोटा मोटी रकमों में सरकारी जमीन को बेचने का काम किया है, इस पूरे मामले में जिला प्रशासन को इस मामले में भी उच्च स्तरीय जांच पड़ताल की आवश्यकता है, अमूमन देखने को मिलता है कि बाहरी राज्यों से आए लोगों को सस्ते दामों पर सरकारी जमीन को बेच दिया जाता है और बेचने वाला गिरोह अपनी जेबों में नोट भर कर नौ दो ग्यारह हो जाता है और प्रशासन की सख्त कार्रवाई का सामना उन लोगों को करना पड़ता है जिन्होंने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई जमीन को खरीदने में गवा दी, ऐसे में सवाल उठता है कि इन भू माफियाओं को अगले शिकार ढूंढने में कोई दिक्कत नहीं आती है और यह सरकारी जमीन के लिए अपने अगले शिकार को अपने जाल में फसने का काम शुरू कर देते हैं।

विपक्षी दल कांग्रेस की भूमिका पर खड़े किए सवाल

अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर जहां एक तरफ सत्तारूढ़ भाजपा लोगों के निशाने पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाने है, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता ने सत्ता पक्ष पर गहरे सांवलिया निशाना साधे हैं तो वहीं विपक्षी कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया जताई है,दर असल सत्ता पक्ष के जन विरोधी कार्यों की निंदा करना विपक्ष की प्राथमिकता होती है और सरकार और प्रशासन के कई मामलों को विपक्षी दल सत्ता पक्ष को घेरने का प्रयास करता है, लेकिन रुद्रपुर में अंतिम सांस ले रही कांग्रेस कमेटी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए बैठीं है और खामोशी से तमाशा देख रही है,हाल ही में कांग्रेस में फैली गुटबाजी सड़कों पर देखने को मिली और कांग्रेस की आपसी गुटबाजी पूरे उत्तराखंड में दो चार हो गई, लेकिन आपसी मतभेदों को जग जाहिर करने वाले कांग्रेसी नेता जन हित के मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल कर एसी कोच में बैठकर आराम फरमा रहे हैं।

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