उत्तराखण्ड

Uttarakhand:-पशु क्रूरता अधिनियम रोकथाम और जीव जन्म नियंत्रण 2023 नियमावली जागरूकता अभियान ! RWA और एनिमल एक्टिविस्ट की पहल…

 

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रुद्रपुर -शहर में लगातार मानव और पशुओं के बीच संघर्ष रहा हैं इसमें जहाँ लगातार पशु प्रेमी और आम नागरिक के बीच टकराव रहता था ! एनिमल एक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट ने बताया सोसाइटी मेट्रो पोलिश और ओमैक्स में जीव हीत में कार्य कर रही नारी शक्ति और कुछ समाज सेवी मीना सिंह(अखिल भारतीय क्षत्रिय महा सभा अध्यक्ष) ,किरण कार्की,मेघना,वेदिका, विनोद, सौम्या आदि सभी जीव हीत में रात दिन ख़ुद समय निकाल के सेवा दे रहे हैं वही दूसरी और बहुत सी सोसाइटी में जीव और मानव के संघर्ष सामने आये हैं जिसके आधार पे कार्यवाही केंद्र पशु कल्याण बोर्ड और राज्य पशु कल्याण बोर्ड को सूचित भी किया गया हैं नोटिस भी जारी हुए हैं जिसके पशु क्रूरता और पशुओं के स्थानीकरण क़ानूनी अपराध हैं उल्लेख हैं बात करे तो मेट्रो पोलिश सोसाइटी में मानवता को आगे रखते हुए सभी जीवों से प्रेम भाव के लिए श्रीमती मीना सिंह(अखिल भारतीय क्षत्रिय महा सभा अध्यक्ष),सोसाइटी पदाधिकारी विक्रांत फुटेला ,देवेंद्र साही ,सुनील शुक्ला बीरपाल के साथ एनिमल एक्टिविस्ट गोष्ठी का आयोजन हुआ और जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्य प्रथम मौजूद रहे जिसमे जन्मनियंत्रण नियमावली/एंटी रेबीज और फ़ीडिंग पॉइंट के साथ साथ पशु क्रूरता जागरूकता अभियान किया गया था जिसे धरातल में भी उतारा गया हैं इसके चलते समस्त सोसाइटी पदाधिकारी विक्रांत फुटेला और अन्य सदस्य ने भी मानवता का परिचय देते हुए गंभीर मुद्दों में समाधान के लिए आगे आए फ़ीडिंग पॉइंट्स और पशु कल्याण के लिए एक्टिविस्टो के साथ मिलकर कदम उठाये जिसकी सभी ने सहारना की हैं पशु क्रूरता मुक्त राज्य का प्रण लिया हैं ! बता दें निगम ने इस से पहले पशु क्रूरता और प्रोजेक्ट प्रमाण पत्र ना होने की शिकायत पर एक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट द्वारा दर्ज के आधार पे संस्था का टेंडर निरस्त किया था जिसमे भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड और मुख्य मंत्री स्तर पे शिकायत हुई थी अब इसके लिए पुनः टेंडर परक्रिया हुई थी और पहल से सोसाइटी में अब तक सफलता पूर्वक जागरूकता अभियान के तहत 80% स्वान की नसबंदी हो चुकी हैं ह्यूमन सोसाइटी ऑफ़ इंटरनेशनल संस्था की तकनीकी देख रेख में कार्यक्रम चल रहा हैं सोसाइटी में मॉनिटरिंग विक्रांत फुटेला,मीना सिंह,किरण कार्की एवं पशु प्रेमी कर रहे हैं कैचिंग और नसबंदी के बाद स्वान पुनः उसी स्थान पे स्वस्थ स्थिति में छोड़े जाते हैं। मीना सिंह(अखिल भारतीय क्षत्रिय महा सभा अध्यक्ष) ,किरण कार्की,अदिति,उषा यादव, नवनीत कौर,जागरूकता अभियान के अंतर्गत स्वयं इसकी दिन रात मॉनिटरिंग कर हैं लक्ष्य सत् प्रतिशत एंटी रेबीज और स्टर्लिज़ेशन हैं

पशु क्रूरता निवारण समिति एवं RWA सोसाइटी ने पशुओं में आय दिन हो रही क्रूरता और उसके निवारण के लिए जागरूक अभियान की पहल की हैं *पशु प्रेमी प्रथम बिष्ट ने बताया की आज संसार में पशुओं का उत्पीडन जिस बुरी* *तरह से किया जा रहा है उसे देखकर किसी भी भावनाशील का ह्रदय दया से भरकर कराह उठता हैं* पशुओं पर होने वाला अत्याचार मनुता पर एक कलंक है। समस्त प्राणी-जगत में सबसे श्रेष्ट कहे जाने वाले मनुष्य का पशुओं के साथ क्रूरता करना कहाँ तक जायज़ है। मनुष्य का धर्म है कि वह अपने छोटे जीव-जन्तुओ पर दया करे, उन्हें कष्ट से बचाए, पाले और रक्षा । मनुष्य पशु पर कितना और किस – किस प्रकार से अत्याचार और उत्पीड़न करता है, इसको आये दिन सामान्य जीवन मैं देखा जा सकता है। कोई भोजन देने के लिए लोगों से मना करता तो कोई उन्हें डंडे से पिटने का भी प्रयास करता हैं जबकि *किसी पशु को मारना या तंग करना और उसे सूजी स्थान से हटाना या भगाना प्रताड़ित करना अथवा जान से मारना ऐसा कोई भी काम जिस से उसे पीड़ा पहुँचे पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 (PCA act 1960 section 11) एवम् भारतीय दंड संहिता की धारा 429 (IPC 429) के तहत एक दण्डनीय अपराध हैं ।

जिसको देखते हुए एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया हैं लक्ष्य पशुओं पे हो रही क्रूरता को रोकना।

भारतीय संविधान के अनुच्छे 51(A) के मुताबिक हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। किसी भी पशु प्रेमी को पशु-पक्षी को खाना खिलाने से रोकना या उसको किसी भी तरह की मानसिक अथवा शारीरिक तौर पर नुक़सान पहुँचाना क़ानूनन जुर्म हैं ऐसा करने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान हैं पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) भारतीय संसद द्वारा १९६० में पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य पशुओं को दी जाने वाली अनावश्यक पीड़ा और कष्ट को रोकना है इसके लिए सजा का भी प्रावधान भी हैं* सभी स्थानीय लोगों को पशु क्रूरता क़ानून के लिए सतर्क किया जाएगा। साथ ही जागरूकता के लिए बोर्ड लगाए गये हैं ।

अभियान में सोसाइटी पदाधिकारी और समाज सेवी उपस्थित रहे विक्रांत फुटेला,सुनील सुक्ला,ममता जीना,किरण कार्की,मीना सिंह ,हिमांशु,अरुण चुग्घ,सुशील भट्ट, मौजूद थे।

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