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Dehradun:-राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों संग महिला सुरक्षा पर ली बैठक

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देहरादून – राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों संग महिला सुरक्षा पर बैठक ली, राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने डायल 112 कन्ट्रोल रूम का भ्रमण कर त्वरित रिस्पांस प्रणाली की सराहना की उत्तराखंड में महिला हेल्प एवं कर्मियों को राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ समन्वयक से किया जाएगा विशेष रूप से प्रतिक्षित इस दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा महिला सम्मान की रक्षा में उत्तराखंड पुलिस सदैव प्रतिबदृ है,13 जून को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कण्डवाल अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन एपी अंशुमान सहित समस्त पुलिस महानिरीक्षक गण और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के अधिकारी उपस्थित थे, बैठक में गुजरात दुर्भाग्य पूर्ण विमान हादसे में जान गवाने वाले को श्रद्धांजलि दी गई, सभी ने मौन व्रत धारण कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की व शोकाकुल परिवारों के लिए संवेदनाएं भी व्यक्त की, श्रीमती ममता वोहरा पुलिस अधीक्षक पी/एम, एवं महिला सूचना द्वारा महिला आयोग की अध्यक्ष को विस्तृत प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर उठाए गए प्रमुख कदमों नाव चारों जागरुकता एवं प्रशिक्षण अभियानों हेल्पलाइन सेवाओं महिला प्रकोष्ठ की कार्रवाई तथा पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी आदि के समस्त जानकारी दी गई, महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम त्वरित विवेचना पीड़ित केन्द्रित दृष्टिकोण एवं संवेदनशील पुलिसिंग को उत्तराखंड पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला आयोग श्रीमती विजया रहाटकर द्वारा सराहना की गई उन्होंने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक जन जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, इस अवसर पर उन्होंने महिला सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित चर्चा करते हुए विशेष रूप नये आपराधिक कानूनों साइबर अपराध मानव तस्करी तथा थानों में स्थापित महिला हेल्प डेस्क पर कार्यरत कार्मिकों के संवेदनशील व्यवहार हेतु समुचित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, उन्होंने आयोग द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों व कर्मियो की सहभागिता सुनिश्चित किए जाने की बात कही, उन्होंने कहा कि पुलिस को समाज के साथ जुड़कर कार्य करना चाहिए, और जनपदों में स्थापित महिला प्रकोष्ठ द्वारा काउंसिल के दौरान आयोग के पास उपलब्ध प्रशिक्षित काउंसिलों की सहायता ली जा सकती हैं, इसके अतिरिक्त पीड़ित महिला को मानसिक आघात व अवसाद से बाहर लाने हेतु आवश्यकता अनुसार मनौवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान की जानी चाहिए, उन्होंने सुझाव दिया कि जिलों के एस एस पी/एसपी संबंधित जनपदों में कार्यरत महिला अफसर के साथ समन्वयक बनाए रखें ताकि पीड़ित महिलाओं को भरण पोषण संतान की अभिरक्षा जैसे मामलों में विधिक सहायता सुलभ कराई जा सके, महिला अफसर पीड़िता की ओर से न्यायालय में याचिका दायर करने में भी सहायक हो सकतें हैं, अंत में उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग को प्रकरणों की सूचना समयबद्ध रुप से प्रेषित की जाए तथा की गई कार्यवाही की एक्शन रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रस्तुत की जाएं, इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर किशोर द्वारा दिए गए सुझावों एवं मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त किया हुए उन्हें महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उत्तराखंड पुलिस की प्रतिबद्धता के संबंध में आश्वस्त किया, उन्होंने कहा कि राज्य में महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम पीड़ित केन्द्रित दृष्टिकोण संवेदनशील पुलिसिंग एवं त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

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