Haridwar:-अधिवक्ता संशोधन एक्ट के खिलाफ वकीलों का जोरदार प्रदर्शन


वकीलों ने इस एक्ट को बताया काला कानून,बोले जब तक वापसी नहीं तब तक हड़ताल पर रहेंगे।
हरिद्वार – उत्तराखंड में अधिवक्ता संशोधन बिल को लेकर ग़ुस्सा थमने का नाम ले रहा है और इस एक्ट के खिलाफ वकीलों ने आर पार की लड़ाई की शुरुआत कर दी है, हरिद्वार के रूड़की में भी वकीलों ने तहसील कार्यालय के परिसर में काम ठप्प कर दिया और इस एक्ट के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया वकीलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर बवाल खड़ा कर दिया केन्द्र सरकार के द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन एक्ट 1961 में संशोधन को लेकर देश भर में वकीलों में भारी ग़ुस्सा है जैसे ही इस संशोधन के विधेयक को अंतिम रूप देकर आम जनमानस के सुझाव के लिए जारी किया गया उसी के बाद से वकीलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और वह इसका विरोध करने लगे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी इसका विरोध शुरू हो गया है इस अधिनियम में संशोधन के खिलाफ करीब पांच राज्यों में स्थित तनाव पैदा हो गई है वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में भी इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है हरिद्वार की रुड़की तेहसील में भी वकीलों ने बीते शनिवार को तहसील कार्यालय के परिसर में काम काज ठप्प कर दिया और शहर के मुख्य मार्गों पर इस अधिनियम के खिलाफ उतर आए जुलूस की शक्ल में वकीलों ने प्रदर्शन किया और केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया,काम काज ठप्प कर वकीलों ने भारी संख्या में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया इस दौरान उन्होंने कहा कि यह संशोधन उनके अधिकारों को प्रभावित करने वाला है और उनकी स्वतंत्रता पर सीधे तौर पर हमला है, उन्होंने केन्द्र सरकार से पुरजोर वकालत करते हुए इसे वापस लेने की मांग की और कहा कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन को और भी उग्र रूप दिया जाएगा, इस दौरान विरोध प्रदर्शन के बीच तहसील में न्यायिक कार्य पूरी तरह प्रभावित रहे आम जनमानस को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक रुड़की नरेंद्र पंत पुलिस फोर्स के साथ साथ मौके पर पहुंच गए और आंदोलन कर रहे वकीलों को समझना शुरू कर दिया उन्होंने वकीलों को समझते हुए धरने प्रदर्शन को बमुश्किल शांत कराया जिसके बाद वकीलों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के जरिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट चौधरी लिल्लू सिंह और सचिव राजीव चौधरी ने कहा कि बार काउंसिल के आव्हान पर आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा और बार काउंसिल के आगे दिशा निर्देश पर इस लड़ाई को जब तक जारी रखा जाएगा जब तक यह काला कानून वापस नहीं ले लिया जाता, उन्होंने कहा कि यह संशोधन एक्ट अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों पर घातक हमला हैं जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।