उत्तराखण्ड

Uttrakhand:-स्टेट टॉपर प्रियांशी रावत के स्कूल की मान्यता सवालों के घेरे में

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का परिणाम बीती 30 अप्रैल को घोषित हुआ। जिसमे कई छात्र – छात्राओ ने पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया। इसी बीच उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा मे पूरे प्रदेश मे टोपर रही प्रियांशी ने शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तराखंड ही नही बल्कि उत्तर प्रदेश का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं आज फिर एक बार इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड की टोपर रही पहाड़ की बेटी का नाम चर्चा बटौर रहा है। आपको बता दें मामला कुछ प्रकार है कि बताया जा रहा है कि प्रियांशी जिस स्कूल में पढ़ती थी। उस स्कूल की मान्यता प्राप्त नही है। वहीं विभाग के मुताबिक राज्य में कई डमी स्कूल चल रहे है। यह पूरा मामला सामने आया तो अब विभाग जांच कराय जाने की बात कर रहा है। जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने संयुक्त श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर उत्तराखंड की 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं में अपना नाम दर्ज कराया। विभाग के अधिकारी शुरुआत में उसे सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेज बता रहे थे, लेकिन अब बताया है कि यह अशासकीय विद्यालय है। इसको डमी स्कूल बताया गया है।पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार साधना पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा तक की ही मान्यता है। संभावना जताई जा रही है कि विद्यालय को इस साल से 9 वीं कक्षा की मान्यता मिल जाए। स्कूल में प्रियांशी के पढ़ने की व्यवस्था थी, लेकिन उसका पंजीकरण जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था। अक्सर यह देखा गया है कि मान्यता न होने की वजह से निजी स्कूल बच्चों को अपने यहां पढ़ाते हैं, लेकिन पंजीकरण दूसरे स्कूल में कराते हैं। महावीर सिंह बिष्ट, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बताया प्रदेश में कई डमी स्कूल चल रहे हैं, हरिद्वार जिले में भी इस तरह के मामले हैं। इसकी जांच कराई जाएगी। दरसल डमी स्कूल उन्हें कहते हैं, जहां छात्र को नियमित स्कूल के रूप में प्रवेश दिया जाता है, लेकिन वह नियमित कक्षाओं के रूप में भाग नहीं लेते। डमी स्कूल कोचिंग संस्थाओं और बिना मान्यता चल रहे स्कूलों के साथ मिलकर काम करते हैं। वहीं पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार के मुताबिक साधना पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा तक की ही मान्यता है। संभावना जताई जा रही है कि विद्यालय को इस साल से 9वीं कक्षा की मान्यता मिल सकती है।

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