Uttarakhand:-चमोली के माणा गांव के पास भीषण हिमस्खलन, 42 मजदूर लापता, बचाव आभियान जारी


28 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गाँव के पास बद्रीनाथ धाम के नजदीक एक भीषण हिमस्खलन की घटना हुई। इस घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (BRO) के 57 श्रमिक प्रभावित हुए। पुलिस महानिरीक्षक एवं एसडीआरएफ के अधिकारी रिधिम अग्रवाल के अनुसार, अब तक 15 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि 42 श्रमिक अभी भी लापता हैं। बचाव अभियान में एसडीआरएफ, सेना और जिला प्रशासन की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है, जबकि दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण ड्रोन ऑपरेशन फिलहाल संभव नहीं हो पाया है। हालांकि, मौसम में सुधार होते ही हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित क्षेत्र में पहुँचाया जाएगा। अब तक 5 और व्यक्तियों को बचाया जा चुका है, जिनमें से 3 घायल हैं और उन्हें माणा के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि 2 की स्थिति सामान्य है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना की मदद से मार्ग खोलने का काम भी जारी है। कुल प्रभावित श्रमिक: 57
सुरक्षित निकाले गए: 15
लापता: 42
घायल: 3
बचाव अभियान: एसडीआरएफ, सेना और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमें
सीएम ने बचाव कार्य तेज़ करने के दिये निर्देश
चमोली जनपद के माणा गांव के निकट सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण हिमस्खलन की घटना घटी। इस घटना में कई मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। घटना की खबर मिलते ही ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित बचाए जाने की प्रार्थना की है। उन्होंने बचाव दलों को त्वरित और प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं। हम सभी की ओर से प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि सभी मजदूर सुरक्षित बचाए जाएं। इस मुश्किल घड़ी में हम सभी उनके साथ खड़े हैं।