हल्द्वानी – नैनीताल जिले का हल्द्वानी शहर पिछले कुछ सालों से देश दुनिया में चर्चित हो गया है, कभी अतिक्रमण कभी हिंसा और अब इंटरनेशनल ड्रग्स पैडलर के मामले में सुर्ख़ियों में है. खबर है की शहर के तिकोनिया में आज सुबह सेंट्रल जांच एजेंसी ED ने छापा मारा है। बताया जा रहा है कि तिकोनिया के पास एक कॉलोनी में छापे की कार्रवाई जारी है। हालांकि छापे की और जानकारी अभी आना बाकी है.
बनमीत सिंह अमेरिका और ब्रिटेन को देने लगा चुनौती –
उत्तराखंड के हल्द्वानी से निकलकर एक शख्स रातों रात इंटरेशनल ड्रग माफिया बन गया और सीधे अमेरिका और ब्रिटेन जैसी ताकतों को चुनौती देने लगा तो आपको यकीन नहीं आएगा, लेकिन ये बात सच है। अमेरिका में एक 40 साल के भारतीय नागरिक और हल्द्वानी के रहने वाले बनमीत सिंह को डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के मामले में दोषी पाया गया है। उसे अमेरिकन अदालत ने 5 साल जेल सजा सुनाई गई है। इसके अलावा उसके पास से 1.25 हजार करोड़ रुपए जब्त करने का भी आदेश दिया गया है।
अमेरिकी अदालत ने सुनाई पांच साल की सजा –
इस इंटरनेशनल ड्रग माफिया के देवभूमि कनेक्शन की कहानी हैरान करने वाली है। हल्द्वानी के रहने वाले बनमीत को अप्रैल 2019 में लंदन से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मार्च 2023 में अमेरिकी जांच एजेंसी ने उसे रिमांड पर लिया। कोर्ट की कार्यवाही के बीच इस साल जनवरी में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। बनमीत ने अमेरिका में प्रतिबंधित ड्रग फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्सटेसी, जेनेक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसी अनेकों दवाओं और ड्रग्स की सप्लाई की बात कबूल की है। जिसके बाद उसे पांच साल कैद की सजा हुई है। हैरानी की बात ये है कि उसके पास ड्रग्स से कमाए 15 हजार करोड़ डॉलर हैं।
अमेरिका के पचास राज्यों में फैलाया जाल –
बनमीत 15 करोड़ डॉलर का मालिक है, जो इसने पिछले दस सालों में कमा डाले। वो भी सीधे उत्तराखंड में हल्द्वानी के इस तिकोनिया इलाके से अमेरिका जाकर नशे का धंधा कर 40 साल के बनमीत सिंह का ये कारनामा आपको हैरान कर देगा। बनमीत ने इंग्लैंड में रहते हुए विश्व की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका के पचास राज्यों में डार्क वेब के जरिए अपने पैर पसारे और प्रतिबंधित दवाओं और ड्रग्स का जाल फैला दिया। उत्तराखंड पुलिस अब इसका रिकॉर्ड खंगाल रही है, और आज हल्द्वानी शहर में बनमीत के घर ईडी का छापा पड़ा है।
ड्रग्स बेचने के लिए डार्क वेब पर मार्केटिंग साइट्स बनाईं
कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, बनमीत ने डार्क वेब पर मार्केटिंग साइट्स बनाई थीं। इनका नाम सिल्क रोड, अल्फा बे, हन्सा था। यहां वो ड्रग्स और कई दूसरी दवाइयां जैसे फेंटानिल, LSD, एक्सटेसी, केटामाइन और ट्रामाडोल बेचता था। ड्रग्स को खरीदने वाले ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट करते थे। इसके बाद बनमीत खुद ड्रग्स की शिपिंग का जिम्मा संभालता था। वो US मेल या दूसरी सेवाओं के जरिए यूरोप से अमेरिका तक ड्रग्स पहुंचाता था। 2012 से जुलाई 2017 के बीच बनमीत के पास अमेरिका में ड्रग्स बेचने के 8 सेंटर थे। ये सभी ओहायो, फ्लोरिडा, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन में मौजूद थे।