उत्तराखण्डज़रा हटकेनैनीताल

गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, , अब मुखबा में होंगे माँ के दर्शन

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उत्तराखंड – चारयात्रा के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक गंगोत्री धाम के कपाट आज सुबह 11:36 बजे शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए।

कपाट बंद होने से पहले धार्मिक परंपराओं के अनुसार वर्ष की अंतिम पूजा संपन्न हुई। मंदिर को भव्य रूप से फूलों, झालरों और दीपों से सजाया गया, और जयकारों से धाम गूंज उठा।

मां गंगा की उत्सव डोली को शास्त्रोक्त पूजा-अर्चना के बाद सेना के बैंड की अगुवाई में मुखीमठ के मुखवा गांव के लिए रवाना किया गया। डोली आज रात विश्राम देवी मंदिर में ठहरेगी और भैयादूज (23 अक्टूबर) के दिन मुखवा पहुंचेगी। अगले छह महीनों तक मां गंगा की पूजा-अर्चना यहीं शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा मंदिर में होगी।

मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाटबंदी की सभी विधियां पूरी श्रद्धा और परंपरा के अनुसार संपन्न हुईं। कार्यक्रम में तीर्थ पुरोहित, स्थानीय लोग, सेना, पुलिस प्रशासन और श्रद्धालु मौजूद रहे।

यमुनोत्री धाम के कपाट कल होंगे बंद

उधर यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे बंद किए जाएंगे। मां यमुना की उत्सव डोली को पारंपरिक विधि से खरसाली गांव के शीतकालीन मंदिर ले जाया जाएगा, जहां श्रद्धालु पूरे सर्दियों में दर्शन कर सकेंगे।

प्रशासन और मंदिर समितियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और यातायात के सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। मुखवा और खरसाली गांवों में दीपों और फूलों से सजावट की गई है।

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