Uttarakhand:-प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर मचे बवाल के बाद उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने लिया यह बड़ा फैसला पढ़ें यह खबर


उत्तराखंड – राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर मचे बवाल के बाद उत्तराखंड पवार कारपोरेशन लिमिटेड ने बड़ा फैसला लिया है इन प्रीपेड मीटरों को लेकर लोगों का सोचना है कि स्मार्ट मीटर लगने बाद विधुत का बिल अत्याधिक आएगा वहीं ऊर्जा विभाग ने इस सोच में बदलाव लाने के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की इन बातों को पूरी तरह गलत करार दिया है इस स्मार्ट मीटर को लेकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में डर बना हुआ और विवाद बढ़ता जा रहा है राज्य के बहुत से जनपदों की आम जनता सहित जनप्रतिनिधियों ने स्मार्ट मीटर की जमीन से लेकर अर्श विरोध कर दिया है विशेष तौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में इन स्मार्ट मीटरों को कोहराम मचा हुआ है और विपक्षी दल के कई विधायकों ने इसे लेकर आर पार की लड़ाई लडने का ऐलान कर दिया है खास तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने तो इन स्मार्ट मीटरों को बीच सड़क पर चकनाचूर कर अपने विरोध का आगाज कर दिया, और उसके बाद अपने साथ जिला ऊधम सिंह नगर के तीन और विधायकों को साथ लेकर जिसमें खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी और जसपुर के विधायक आदेश चौहान के प्रेस वार्ता कर प्रीपेड मीटरों को लेकर जो कुछ उससे और भी बवाल खड़ा हो गया है, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने स्मार्ट मीटरों को लेकर बड रहे विवाद को देखते हुए बहुत जनपदों में आम जनता और जनप्रतिनिधियों में इसके विरोध को शांत करने के मकसद से नया राब्ता तैयार किया है ऊर्जा विभाग ने आम जनता में स्मार्ट मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए एक खास टीम गठित करने का फैसला किया है यह टीम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की विशेषता और आम जनता में फैली गलत तरीके से भ्रमित को दूर करने का काम करेंगी ऊर्जा महकमे ने मौजूदा समय में विरोध के चलते मीटर लगाने के काम पर अस्थाई रूप से रोक लगाने का फैसला लिया है और मीटरों को पोस्टपेड मोड पर ही रखने का फैसला लिया है, स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस के किच्छा विधायक तिलक राज बेहड बेहड का कथन है कि इन मीटरों से आम जनमानस पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है और सरकार कुछ कंपनियों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने के मकसद से जबरदस्ती लोगों के मकानों में स्मार्ट मीटर लगा रही है बेहड ने दावा किया है कि बहुत सी जगहों पर मीटरों से बिना किसी विधुत उपयोग किए बगैर बिल आ रहे हैं ऐसे में यह गरीबों से रुपए वसूलने की नयी साजिश है उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में इन मीटरों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर इसके लिए उन्हें जेल भी जाना जाता पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे फिलहाल स्मार्ट मीटर लगाने के काम पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी गई है।