Rampur:-जेल में बंद सपा नेता आजम खान की बड़ी मुश्किलें 18 साल पहले दर्ज मुकदमे की दुबारा होगी तफ्तीश – पढ़ें यह खबर


रामपुर – उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीतापुर जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ एक और मुकदमे में नये सिरे से जांच की जाएगी, बता दें कि यह केस करीब 18 साल पुराना है और इस मामले में उन पर पापड़ फैक्ट्री सेलर और आटा चक्की पर बुलडोजर चलवाने और पीड़ित से रंगदारी मांगने के आरोप है, इस केस में पुलिस ने अपनी अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी जिसके बाद पीड़ित ने प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से फाइनल रिपोर्ट को खारिज करने की गुहार लगाते हुए इस मामले में दुबारा तफ्तीश की गुहार लगाई थी जिसके बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए इस पूरे मामले में पुनः जांच के आदेश दे दिए हैं।
समाजवादी की सरकार के दौरान दर्ज किया गया मुकदमा
सपा नेता आजम खां के खिलाफ यह मुकदमा साल 2006 में दर्ज किया गया था उत्तर प्रदेश में उस दौरान सपा सरकार थी , आज़म खा उस समय नगर विकास मंत्री के पद पर कार्यरत थे इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था 19 जुलाई साल 2006 को आज़म खां के आदेश पर प्रशासनिक अफसरों ने सैंजनी गांव के नानकार ग्राम में पापड़ फैक्ट्री सेलर और आटा चक्की पर बुलडोजर चलवाने के बाद उसे ध्वस्त कर दिया था।
बहुजन समाज पार्टी की सरकार में पीड़ित ने एसपी सिटी से की थी शिकायत
इस मामले की शिकायत बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार आने के बाद 10 जुलाई 2007 को नगर के मोहल्ला सराय सहादत यार खां और अफसर खां, जुल्फिकार खा और अनवर खां ने पुलिस अधीक्षक से की थी उनका आरोप था आज़म खां ने चंदे के नाम पर 5 लाख रुपए की मांग की थी चंदे की रकम न देने पर उन्होंने बदले की भावना से फैक्ट्री को ध्वस्त करा दिया था।
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज किया गया था मुकदमा
पुलिस अधीक्षक रामपुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और अपने पास आई शिकायत को गंभीरता से लिया और गंज कोतवाली को आज़म खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे इसमें आज़म खां के खिलाफ रंगदारी मांगने, धमकने, मारपीट और तोड़फोड़ कर माली नुकसान पहुंचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश के बाद मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगा कर कोर्ट में पेश कर दी थी अदालत ने फाइनल रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए पुलिस को नोटिस जारी कर दिया था।
अदालत ने फाइनल रिपोर्ट को कर दिया था खारिज
इस मामले में फाइनल रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित जुल्फिकार खा ने अपने वकील अवधेश अग्रवाल के जरिए इस फाइनल रिपोर्ट को चुनौती दी थी वकील अवधेश अग्रवाल ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे आपत्ति पर सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा पुलिस को फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है इसके अलावा पुलिस को मुकदमे की विवेचना दोबारा करने के आदेश दिए हैं।